Thursday, June 26, 2008

ये भी तो कीजिए

प्रयास आपका अच्छा है, ये भी तो कीजिए,
पुलिस वालों की भर्ती में रिश्वत बंद कीजिए।

रिश्वत ने यूं तो समाज का कबाडा कर दिया,
अपने खास कारिंदों को तो इससे बचा लीजिए ।

मैं नहीं कहता हूँ सब 'असीम अरुण' बन जाएं,
गुजारिश है 'आटे में नमक' बराबर लीजिए ।

तहरीर रिसीव करने के भी दाम लेते हैं,

ऐसे मुंशियों को तो तडीपार कीजिए ।


मैं नहीं कहता हूँ कि गालियां कम करो,

जब मां - बहन थाने में हो, तब तो न दीजिए ।

1 comment:

हिन्दी के लिक्खाड़ said...

rishwat band karana aasan nahin h,
munh se laga khoon chhudana aasan nahin h,

shuruaat aapne ki h to badhai swikaren,
thane men aane walon ko na dutkaren,

bhanu pratap singh
agra